Dettol School Hygiene Education Workshop Organized at Parmarth Niketan

GIWA, Pehel along with Dettol India together conducted Dettol School Hygiene Education Program which aims to train Teachers of Sanskrit Gurukuls located at Uttarakhand about various ways to educate about hygiene and Sanitation to students thus bringing a change to the upcoming generation.

All the teachers participated in activities which made them create new ways to reach the students. They wrote new songs, poems, art which can be used to raise awareness about Hygiene and Sanitation among students.

All teachers received certificates, hygiene guides and gifts from World Toilet College and Dettol India. Later Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji – Muniji met everyone and encouraged all to improve Hygiene and Sanitation in their schools and raise awareness about the same to create a Swachh Bharat and a healthy India.


परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, रैकिट इण्डिया और जागरण पहल द्वारा डेटॉल स्कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम का आयोजन उत्तराखंड के पाँच जिलों के गुरूकुल में शुरू किया जा रहा है। इसी के अन्तर्गत उत्तराखंड के 15 चयनित गुरुकुलों, संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने हेतु आचार्यो को प्रशिक्षित किया गया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में संस्कृत विद्यालयों से आये आचार्यों और प्रशिक्षिकों ने दीप प्रज्वलित कर स्वच्छता के दीप को हर घर पहुंचाने का संकल्प लिया। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने हेतु प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस कार्यक्रम की शुरूआत 15 चयनित विद्यालयों में की जा रही है ताकि शिक्षा के साथ – साथ स्वास्थ्य और स्वच्छता की भी जानकारी सभी छात्राओं को मिल सके।

उत्तराखंड राज्य के पाँच जनपद हरिद्वार , देहरादून , उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल के 15 गुरुकुलों, संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों से तीन – तीन आचार्यो ने प्रतिभाग कर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वच्छता की आदत स्वच्छ समाज के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। स्वच्छ तन में ही स्वच्छ मन का वास होता है इसलिए बच्चों को स्वच्छ व स्वस्थ रखने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता अत्यंत आवश्यक है। व्यक्तिगत स्वच्छता बच्चों को न केवल स्वच्छ रहने में मदद करती है, बल्कि इससे संक्रामक रोगों के प्रसार को भी रोका जा सकता है।

स्वामी जी ने कहा कि असुरक्षित जल, स्वच्छता और साफ-सफाई में कमी के कारण डायरिया जैसी बीमारियाँ होने से हर वर्ष अनेकों की मौत होती हंै परन्तु स्वच्छता की आदतें व दिशा-निर्देशों को अपनाकर मौत के इन आँकड़ों में कमी ला सकते हैं। स्वच्छता हेतु निवेश किया गया समय और पूंजी के बदले उत्तम स्वास्थ्य के साथ उत्पादकता में भी वृद्धि की जा सकती है।

प्रशिक्षण के साथ ही आचार्यों को हाइजीन किट्स और प्रशिक्षण प्रमाणपत्र वितरित किये गये, जिसमें स्वच्छता के विज्ञान की कॉमिक बुक्स, वर्कबुक, शिक्षकों के लिये मैनुअल, पोस्टर, साबुन और स्वच्छता संबंधी अन्य सामग्री वितरित की गयी। साथ ही आचार्यों को बताया कि विद्यालयों में हाइजीन प्ले पार्क और हाइजीन काॅर्नर का निर्माण कर स्वच्छता के प्रति विद्यार्थियों के व्यवहार में सहजता से बदलाव किया जा सकता है। इससे स्वच्छता की आदतंे बच्चे खेल-खेल में सीख जायेंगे तथा स्वच्छता के प्रति जागरूक भी होंगे।

प्रशिक्षक ओमप्रकाश जी, राशिद अंसारी जी, प्रवीण कुमार जी, उत्तराखंड राज्य प्रबंधक ,जागरण पहल, अमनदीप सिंह जी हार्पिक वल्र्ड टॉयलेट कॉलेज, पटियाला, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस से राकेश रोशन जी, राम चन्द्र शाह, रेशमी एस आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

श्री दैवी सम्पाद अध्यात्म संस्कृत महाविद्यालय, स्वर्गाश्रम ट्रस्ट संस्कृत विद्यालय, श्री जयदयाल अग्रवाल संस्कृत महाविद्यालय, जयराम संस्कृत महाविद्यालय, पंजाब सिंध क्षेत्र साधु महाविद्यालय, श्री वेद संस्कृत विद्यालय, श्री 108 बाबाकाली कमली संस्कृत महाविद्यालय, नेपाली संस्कृत महाविद्यालय, शिवथ संस्कृत महाविद्यालय, देवभूमि संस्कृत प्राथमिक विद्यालय, श्री भारत संस्कृत महाविद्यालय, श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय, ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रम्हचर्याश्रम संस्कृत महाविद्यालय,परमार्थ वैदिक गुरुकुल, श्री चेतन ज्योति संस्कृत महाविद्यालय आदि उत्तराखंड के विद्यालयों के आचार्यों ने किया सहभाग।

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GIWA is the globe’s first organization to bring together the leaders of all faiths and people from across India and around the world to inspire a planet where everyone, everywhere can have access to sustainable and healthy water, sanitation and hygiene (WASH).

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