Water Model Trainings Begins in Over 70 Schools

भावी जल संकट को देखते हुए परमार्थ निकेतन ने विद्यालयों में शुरू किया वाटर स्कूल माॅडल

70 से अधिक स्कूलों में शुरू किया वाटर माॅडल प्रशिक्षण

8 वाटर माॅड्ल्स के माध्यम से बच्चों को सिखाया जा रहा है जल संरक्षण

जल की हर बूँद का महत्व
जल धरती की आत्मा

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 22 नवम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन आौर आशीर्वाद से ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस ‘जीवा’ द्वारा ऋषिकेश, हरिद्वार और आस-पास के स्कूलों में जल संरक्षण हेतु वाटर माॅडल शुरू किया गया है।

वाटर स्कूल माॅडल के अन्तर्गत आठ माड्ल्स ‘जल का परिचय, जल और मैं, जल और मेरा परिवार, जल और मेरा विद्यालय, जल और समुदाय, जल और बायोम, जल और धरती और जल पाठशाला नेटवर्क के माध्यम से बच्चों को जल संरक्षण और जल के सुव्यवस्थित उपयोग के विषय में प्रायोगिक और सैद्धान्तिक कक्षाओं के माध्यम से सिखाया जा रहा हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि जल को बनाया तो नहीं जा सकता परन्तु बचाया जा सकता है। जल वैज्ञानिक यह घोषणा कर रहे हैं कि भारत में 2030 तक भूजल स्तर वर्तमान समय से आधा हो जायेगा और 2040 तक विश्व का भूजल स्तर भी तीव्र वेग से कम होता जायेगा इसलिये वैश्विक व राष्ट्रीय जल आपातकाल से पहले हमें जल विकास मॉडल और जल संरक्षण की पारंपरिक विधियों पर कार्य करना होगा।

स्वामी जी ने कहा कि भारत में जल संसाधन समुचित मात्रा में उपलब्ध हैं, साथ ही यहाँ पर्याप्त मात्रा में वर्षा भी होती है जिसके संरक्षण की पारंपरिक विधियों से सभी भलीभाँति परिचित हैं इसलिये जल संरक्षण की उन प्रणालियों पर कार्य करना होगा ताकि जल आपालकाल से पहले समाधान खोजा जा सके।

स्वामी जी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि जल पूजनीय है। विभिन्न अनुष्ठानों, सांस्कृतिक और पारम्परिक अवसरों पर जल का उपयोग किया जाता है। जल हमारी पारंपरिक विरासत का प्रतीक है। जल न केवल जीवनदायक है बल्कि जल का सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्त्व भी है तथा जल की शुचिता और स्वच्छता के विषय में विभिन्न धर्मों में विस्तारित रूप से उल्लेख किया गया है।

स्वामी जी ने कहा कि जल धरती की आत्मा है। विद्यालयों में जल माड्ल्स का अध्ययन करवाने का उद्देश्य है कि बच्चों को बचपन से ही जल के प्रति जागरूक किया जाये तथा जल संरक्षण के पारंपरिक माॅडल्स को पुनः जीवंत किया जाये ताकि जल संरक्षण के पारंपरिक अभ्यास को विकास मॉडल की कुंजी के रूप में दर्शाया जा सके।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि अब समय आ गया कि समाज के सभी सदस्य जल की हर बूँद को महत्व समझे।

About GIWA

GIWA is the globe’s first organization to bring together the leaders of all faiths and people from across India and around the world to inspire a planet where everyone, everywhere can have access to sustainable and healthy water, sanitation and hygiene (WASH).

Recent Posts