Hygiene Olympiad was organized for Sanskrit schools and colleges for the first time in Uttarakhand under the joint aegis of Parmarth Niketan , Global Interfaith WASH Alliance, Dettol India and Jagran Initiative.
12 lakh children of India participated in the event in which the winners will be presented with prize money and certificates on October 2, 2023 in Mumbai by the hands of megastar Shri Amitabh Bachchan ji. 6 to 7 thousand students from 97 Sanskrit schools in Uttarakhand participated and 72 examination centers was created, the headquarters at Parmarth Niketan, Rishikesh.
The main objective was to make children aware of cleanliness and hygiene, creating a disease free community around us improving overall health and hygiene for all.
Pujya Swamiji, President of Parmarth Niketan and Co-founder of GIWA congratulated the participants and shared that hygiene and a clean environment increases the immunity of children, reducing the drop out rate due to infectious diseases. The vision of this activity was to make a difference in improving WASH.
उत्तराखंड में पहली बार हाइजीन ओलम्पियाड का आयोजन
परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, डेटाॅल व जागरण पहल के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखंड में पहली बार संस्कृत गुरूकुल, विद्यालय व संस्कृत महाविद्यालयों के लिये हाइजीन ओलम्पियाड का आयोजन
ऋषिकेश, 13 सितम्बर। परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस, डेटाॅल व जागरण पहल के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखंड में पहली बार संस्कृत गुरूकुल, विद्यालय व संस्कृत महाविद्यालयों के लिये हाइजीन ओलम्पियाड का आयोजन किया गया।
हाइजीन ओलम्पियाड में भारत के 12 लाख बच्चों ने भाग लिया। इसे उत्तराखंड में पहली बार आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्तर व राज्य स्तर पर प्रथम तीन चयनित विद्याथियों को पुरस्कार दिये जायेंगे। राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर चयनित विद्यार्थियों को 2 अक्टूबर, 2023 को पुरस्कार राशि व प्रमाणपत्र महानायक श्री अमिताभ बच्चन जी के हाथों से मुम्बई में प्रदान किये जायेंगे। उत्तराखंड के 97 संस्कृत विद्यालयों के 6 से 7 हजार विद्यार्थियों ने सहभाग किया। इस हेतु पूरे उत्तराखंड में 72 परीक्षा केन्द्र बनाये गये है।
हाइजीन ओलम्पियाड के माध्यम से बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना, जागरूकता को बढ़ावा देना तथा स्वच्छता के प्रति उनके ज्ञान में वृद्धि करना तथा उनके व्यवहार में स्वच्छता के प्रति सकारात्मक परिवर्तन लाना प्रमुख उद्देश्य है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हाइजीन ओलम्पियाड में सहभाग करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि हाइजीन ओलम्पियाड के माध्यम से यह एक इंटीग्रेटेड कार्यक्रम की शुरूआत है जो पाठ्यक्रम व पाठ्येतर गतिविधियों द्वारा कोविड-19 व अन्य बीमारियों संक्रामक बीमारियों से बच्चों को बचाने व समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने में मील का पत्थर साबित होगा।
स्वामी जी ने कहा कि बच्चों को खेल, प्रतियोगिता व अन्य रोचक गतिविधियों के माध्यमों से सफाई का महत्त्व समझाना अत्यंत आवश्यक है। ओलम्पियाड के माध्यम से शैक्षणिक व सहशैक्षणिक गतिविधियों द्वारा बच्चों को स्वच्छता का अभ्यास कराने से स्वच्छता के अभाव से होने वाले रोगों के प्रति जागरूकता किया जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि स्वयं की स्वच्छता व स्वच्छ माहौल से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी तथा स्वच्छता की कमी से विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त होकर ड्रॉपआउट होने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आएगी।
स्वच्छता के प्रति जागरूक करके तथा बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराकर प्रत्येक वर्ष पांँच साल से कम उम्र के 2,97,000 बच्चों की मौत को रोका जा सकता है। मानव स्वास्थ्य के लिये स्वच्छता अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। मानसिक विकास एवं सामाजिक कल्याण में सुधार के साथ-साथ संक्रमण को रोकने के लिये स्वच्छता एवं स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है।
सुरक्षित स्वच्छता के अभाव के कारण संक्रमण और बीमारियाँ अत्यधिक होती हैं, जिसमें डायरिया, उष्णकटिबंधीय बीमारियाँ जैसे- मिट्टी से फैलने वाले हेल्मिन्थ संक्रमण, सिस्टोसोमियासिस और ट्रेकोमा (कुकरे) तथा वेक्टर-जनित रोग जैसे कि वेस्ट नाइल वायरस, लसीका फाइलेरिया और जापानी इंसेफेलाइटिस शामिल हैं।
स्वामी जी ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही स्वच्छता के प्रति जागरूकता के संस्कार प्रदान किये जाये तो इसका व्यापक और गहरा प्रभाव पड़ेगा।
हाइजीन ओलम्पियाड के आयोजन हेतु निदेशक संस्कृत शिक्षा, उत्तराखंड श्री एस पी खाली जी, सहायक निदेशक, मुख्य शिक्षा अधिकारी, समस्त प्रबंधक, प्रधानाचार्य संस्कृत विद्यालय, महाविद्यालय एवं परमार्थ निकेतन, जागरण पहल, डेटाल के पदाधिकारियों ने उत्कृष्ट सहयोग प्रदान किया।