Ganga Awareness and Aarti Workshop Concludes at Parmarth Niketan

परमार्थ निकेतन में आयोजित तीन दिवसीय गंगा के प्रति जागरूकता और आरती कार्यशाला का समापन हुआ। गंगा आरती कार्यशाला के माध्यम से जागरूकता नमामि गंगे की अद्भुत पहल है, जिसका उद्देश्य गंगा जी के प्रति जागरूकता, बढ़ते प्रदूषण को कम करना तथा घाटों के माध्यम से सकारात्मक संदेशों को प्रसारित करना है।

परमार्थ निकेतन, नमामि गंगे और अर्थ गंगा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित यह तीसरी कार्यशाला है, जिसमें भारत के पांच राज्यों के 19 घाटों के पंडितों और 10 होमगार्डस ने सहभाग कर गंगा आरती संचालन का कौशल, आरती समारोह के माध्यम से गंगा की स्वच्छता, जैविक खेती, मिशन लाइफ के विषय में जानकारी, मंत्र उच्चारण, गंगा अभिषेक, पूजन पद्धति, हवन विधि, अर्थ से परमार्थ की यात्रा और स्वार्थ से परमार्थ की ओर बढ़ने के साथ, गंगा जी का आध्यात्मिक, सामाजिक व आर्थिक महत्व, नमामि गंगे व अर्थ गंगा का उद्देश्य, धार्मिक आयोजनों के अवसर पर पहने जाने वाले सात्विक पारम्परिक वस्त्रों को धारण करने का प्रभाव, गंगा में बढ़ते प्रदूषण के कारण, घाटों की समस्या, सुविधायें और हरियाली संवर्द्धन आदि अनेक विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण प्राप्त किया।

परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा आरती एक गौरवपूर्ण विरासत है जो स्वामी चिदानंद सरस्वती जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से प्रतिदिन परमार्थ निकेतन घाट पर आयोजित होती है। यह आरती भारत सहित पूरे विश्व के लिये प्रेरणादायक है; प्रेरणा का स्रोत है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वर्ष 1997 मंे परमार्थ गंगा तट पर विधिवत गंगा आरती का क्रम आरम्भ किया था। अब यह गंगा आरती केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के पर्यटन और तीर्थाटन के मानचित्र पर उत्कृष्ट स्थान रखती है। इस दिव्य गंगा आरती में विश्व के अनेक देशों की प्रमुख विभूतियां सहभाग करती है और वे अपना दिव्य समय बिताते हैं। परमार्थ निकेतन में आने वाले श्रद्धालुु आरती के माध्यम से मानवता की सेवा, पर्यावरण, जल संरक्षण और शान्ति का संदेश लेकर जाते हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने संदेश में कहा कि माँ गंगा ने हमें बहुत कुछ दिया है। 45 करोड़ लोगों को जीविका दी है, जीवन दिया हैं। गंगा जी के गंगत्व को बनाये रखने के लिये हमारी ग्रीन क्रिएटिविटी और ग्रीन रिस्पान्सबिलिटी बहुत जरूरी है। अब इसके लिये हमें अपनी जीवन शैली बदलना होगा। मिशन लाइफ अर्थात् पारम्परिक जीवन शैली को अपनाना होगा। अब हमें ग्रीड कल्चर से ग्रीन कल्चर की ओर बढ़ना होगा, हमें ग्रीड कल्चर से नीड कल्चर और नीड कल्चर से नये कल्चर को अपनाना होगा। यूज एंड थ्रो कल्चर से यूज एंड ग्रो कल्चर को स्वीकार करना होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल बंद करना होगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनायें दी तथा आरती के माध्यम से सकारात्मक संदेश प्रसारित करने हेतु पे्ररित किया।

परमार्थ निकेतन की गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी ने कहा कि हम भारतीयों कि गंगा जी के प्रति आस्था, विश्वास और भक्ति अद्भुत है इसलिये तो भारत, भा-रत है। भारत अर्थात् प्रकाश से युक्त। हम अपने दिव्य आयोजनों, पर्वों, त्यौहारों और सभी दिव्य अवसरों पर दीप प्रज्वलित करते हैं, गंगा जी की आरती भी हम दीप प्रज्वलित कर दिव्य प्रकाश से करते हंै ताकि हमारा अन्तःकरण भी प्रकाशित हो उठे। इस प्रकाश को अपने साथ लेकर जायें, परमार्थ निकेतन की आरती के साथ इस दिव्य संस्कृति को लेकर जायें।

भारत के पांच राज्यों के 19 घाटों से आये प्रतिभागियों ने अपनी समस्याओं को नमामि गंगे के संचार विशेषज्ञ श्री पूरण कापड़ी जी के साथ साझा किया। साथ ही प्रतिभागियों ने कार्यशाला के अनुभवों को भी साझा किया।

इस अवसर पर भारत के 5 राज्यों के 19 घाट काला कांकर घाट, उत्तरप्रदेश, सांकरा घाट, उत्तरप्रदेश, मुनि की रेती ऋषिकेश, उत्तराखंड, माँ अहिल्या गंगा घाट बक्सर, बरारी सीढ़ी घाट, भागलपुर, सीधी घाट, बिहार, हनुमान घाट केशोपु, कौनहारा घाट, हाजीपुर, राम रेखा घाट, पटना, कलेक्ट्रेट घाट, पटना, समाहरणालय घाट, सोझी घाट, मुंगेर, आजाद नगर और महाजन टोली, झारख्ंाड, हेस्पोड़ा (ब्राह्मण टोला) झारखंड, पतरातू बस्ती, दामोदर भैरवी संगम घाट झारखंड, राज घाटरप्पा मंदिर, झारखंड, बावन धारा घाट, झारखंड, अग्रसेन घाट भूपतवाला, हरिद्वार, धर्मगंगा घाट, भूपतवाला हरिद्वार, शिवानंद घाट, ऋषिकेश के प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
संचार विशेषज्ञ, नमामि गंगे उत्तराखंड, पूरण कापड़ी, दुर्गाप्रसाद, टीम सहायक नमामि गंगे, परमार्थ निकेतन से आभा सरस्वती जी, गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, वंदना शर्मा, अरूण सारस्वत, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, कृष्ण कुमार, राकेश, रामचन्द्र शाह, ज्योति, रेशमी, रोहन, ऋषिकुमार राम, आयुष, अजय, जोनाथन, संदीप शर्मा, किशोर भट्ट, निलय आदि सेवा टीम और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने उत्कृष्ट योगदान प्रदान किया।

About GIWA

GIWA is the globe’s first organization to bring together the leaders of all faiths and people from across India and around the world to inspire a planet where everyone, everywhere can have access to sustainable and healthy water, sanitation and hygiene (WASH).

Recent Posts